बार छे अठारा

बार छे अठारा
तुहि मेरा दिलदारा
तेरे बिन मेरे यारा
न हो मेरा गुजारा

मेरे दिल की ये डोर
ढूंढे तेरा ही टोर
तू लगे चित चोर
तुझसा न कोई ओर

तू जो गया मुझे छोड़
दिखाता ना कोई ओर
हुआ यु बेसहारा
मैं जी न पाऊ यारा

मेरे दिल की तू धुन
तू लग गई जैसे घुन
रहा मैं सपने बुन
सपना न हुआ साकार
तेरा ये अत्याचा

तोडा तूने मेरे दिल
मैं पूरा गया हिल
जुड़ा ना दिल दोबारा
मेरे बज गए पुरे बारा

बारा का न मुझे होश
चढ़ा ऐसा जोश
तेरी मुझको तमन्ना
मुश्किल हुआ है बचना

भुला मैं करो बार
छोड़ के घर बार
न कोई है आधार
मांगू सब से मैं उधर

आ गए मुझ मै विकार
बिगड़ा मेरा आकार
मच गया हाहाकार
कर दुःख का संहार
तू मेरा तारणहार।

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By – Indal

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